सन्दर्भ:-भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों के सर्वोच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों/अध्यक्षों की 18वीं बैठक को संबोधित किया।
- इस बैठक में सदस्य और पर्यवेक्षक राज्यों को उन चुनौतियों पर विचार करने का अवसर प्रदान किया गया जो उनके अधिकार क्षेत्र के लिये साधारण हैं, इसके साथ ही आपसी सहयोग, अनुभव और ज्ञान को साझा करने पर बल दिया गया।
बैठक के प्रमुख बिंदु:
- स्मार्ट और अभिगम्य न्यायपालिका:
- भारत के मुख्य न्यायाधीश ने न्यायिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और आम लोगों के लिये अधिक स्मार्ट एवं अभिगम्य बनाने के लिये न्यायिक सहयोग तथा नए तंत्र को अपनाने की आवश्यकता पर प्रकाश डाला।
- न्यायपालिका में प्रौद्योगिकी का महत्त्व:
- भारत के मुख्य न्यायाधीश ने नागरिकों और न्याय प्रणाली के बीच की खाई को पाटने में प्रौद्योगिकी के महत्त्व पर भी बल दिया।
- भारत के मुख्य न्यायाधीश ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा किये गए हाल के प्रयासों को साझा किया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय की रिपोर्ट का ई-संस्करण लॉन्च करना, न्यायिक कार्यवाही का कृत्रिम बुद्धिमत्ता-आधारित लाइव ट्रांसक्रिप्शन और कई क्षेत्रीय भाषाओं में निर्णयों का अनुवाद आदि शामिल हैं।
- प्रमुख मुद्दे:
- इसके अलावा जेलों में कैदियों की अत्यधिक संख्या, गुणवत्तापूर्ण कानूनी प्रतिनिधित्त्व तक पहुँच, आधुनिक सार्वजनिक न्यायिक सेवाओं, न्यायिक कार्यवाही का बोझ, सीमित न्यायिक संसाधन, लंबित मामलों की अधिकता और पर्याप्त बुनियादी सुविधाओं की आवश्यकता जैसे विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला गया।
निष्कर्ष:
- सदस्य राज्यों ने अपनी न्यायपालिका के भविष्य हेतु साझा लक्ष्यों पर सहमति व्यक्त की और वर्ष 2024 के लिये क्रमानुसार उज़्बेकिस्तान को मुख्य न्यायाधीशों/अध्यक्षों की आगामी बैठक हेतु अध्यक्षता सौंपी।